Sharadiya Navratri पर भक्त ने माता रानी को चढ़ाया 2.5 करोड़ रुपये का सोने-हीरों का मुकुट
Sharadiya Navratri का पहला दिन भक्तों के लिए खास उत्सव लेकर आया है। इस दौरान विजयवाड़ा के प्रसिद्ध कनक दुर्गा मंदिर में भक्तों की एक बड़ी भीड़ देखने को मिली। भक्तों की लंबी कतारें इस मंदिर के बाहर लगी हुई थीं। इसी बीच, माता दुर्गा के एक भक्त ने माता कनक दुर्गा को 2.5 करोड़ रुपये की कीमत वाला एक सोने और हीरे का मुकुट भेंट किया। यह मुकुट सुनहरे और चमकदार हीरों से बना है, जिसकी डिजाइन बहुत ही आकर्षक है।
माता देवी को सोने-हीरों का मुकुट पहनाया गया
जानकारी के अनुसार, माता कनक दुर्गा को सोने और हीरे से जड़ा हुआ एक नया मुकुट पहनाया गया है। यह मुकुट अत्यंत सुंदर दिखता है। देवी दुर्गा, जो कि इस मुकुट के साथ सजाई गई हैं, को बाल त्रिपुरा सुंदरी देवी के रूप में पूजा जाएगा। मंदिर प्रशासन ने भक्त का नाम गुप्त रखा है। माना जा रहा है कि इस भक्त ने अपने किसी विशेष इच्छापूर्ति के बाद यह मुकुट भेंट किया है। हालांकि, इस संदर्भ में आधिकारिक रूप से ज्यादा जानकारी नहीं दी गई है।
इंद्राकीलाद्री पर्वत पर स्थित मंदिर
कनक दुर्गा मंदिर को आधिकारिक रूप से श्री दुर्गा मल्लेश्वरा स्वामिवरला देवस्थानम के नाम से जाना जाता है। इस मंदिर में मौजूद देवी को कनक दुर्गा के नाम से जाना जाता है। यह मंदिर विजयवाड़ा के कृष्णा नदी के किनारे इंद्राकीलाद्री पर्वत पर स्थित है। यहां हमेशा भक्तों की भारी भीड़ रहती है, और नवरात्रि के दौरान तो यह संख्या और भी बढ़ जाती है।
महिषासुर का वध
पौराणिक कथा के अनुसार, जब धरती पर असुरों का आतंक बढ़ने लगा, तब sage Indrakila ने कठोर तप किया। जब माता देवी उनके तप से प्रकट हुईं, तो उन्होंने उनसे निवेदन किया कि वह उनके सिर पर निवास करें और पापियों का वध करें। माता कनक दुर्गा ने इंद्राकील को अपना स्थायी निवास बना लिया और असुरों का नाश किया। कहा जाता है कि माँ कनक दुर्गा ने महिषासुर, जो असुरों का राजा था, का वध भी किया।
नवरात्रि का महत्व
नवरात्रि का पर्व देवी शक्ति की आराधना का विशेष अवसर है। इस दौरान लोग अपने घरों में कलश स्थापित करते हैं और नौ दिनों तक माता की पूजा करते हैं। विजयवाड़ा के कनक दुर्गा मंदिर में नवरात्रि के समय विशेष पूजा-अर्चना का आयोजन किया जाता है। भक्तों की आस्था और श्रद्धा इस समय अपने चरम पर होती है।
भक्तों का सैलाब
कनक दुर्गा मंदिर में नवरात्रि के दौरान भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है। भक्त यहाँ आकर माता की आरती करते हैं, भोग चढ़ाते हैं, और मनोकामनाएँ पूरी करने की प्रार्थना करते हैं। खासकर पहले दिन, जब भक्तों ने माता को नए मुकुट के साथ सजाया, तो यह भक्ति और श्रद्धा का अद्वितीय उदाहरण पेश करता है।
इस प्रकार, विजयवाड़ा के कनक दुर्गा मंदिर में भक्तों की विशेष भक्ति और समर्पण इस नवरात्रि में एक अनोखी छाप छोड़ती है। माँ दुर्गा के प्रति उनकी आस्था और भक्ति किसी भी भक्त के लिए प्रेरणादायक होती है।
इस नवरात्रि पर माता कनक दुर्गा के इस मुकुट के साथ सजने से मंदिर की महत्ता और भी बढ़ गई है, और भक्तों का सैलाब इसे और भी भव्य बना रहा है। माता रानी की कृपा सभी पर बनी रहे, यही कामना करते हैं।
भक्तों की यह भावना केवल एक मुकुट भेंट करने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह हमारी संस्कृति और परंपराओं का प्रतीक है, जो हमें एकजुट होकर देवी शक्ति की आराधना करने के लिए प्रेरित करती है।